कांग्रेस नेतृत्व पर विवाद: पूर्व मंत्री-प्रदेश अध्यक्ष अलग-अलग राह, बीजेपी को मिला मौका

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर पूर्व CM भूपेश बघेल को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं। उनके जन्मदिन और तीजा-पोरा तिहार के मौके पर रायपुर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित समारोह में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जनता चाहती है कि कांग्रेस का नेतृत्व आगे भी भूपेश बघेल करें।

चौबे ने साफ कहा कि भाजपा सरकार के कुशासन और मोदी की गारंटी के खिलाफ लड़ाई केवल बघेल ही लड़ सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की एजेंसियों की कार्रवाई पर तंज कसते हुए कहा कि ED वाले भी सुन लें, भूपेश बघेल शेर हैं, डरने वाले नहीं।

हालांकि, चौबे के बयान पर PCC प्रमुख दीपक बैज ने कहा कि यह उनका निजी मत है। कांग्रेस कलेक्टिव लीडरशिप के साथ जनहित के मुद्दों पर ही चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी। उधर, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी का धरातल पूरी तरह खत्म हो चुका है और कार्यकर्ता संगठन से दूर हो रहे हैं।

राजनीतिक हलकों में चौबे के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे पीसीसी नेतृत्व में बदलाव या मौजूदा नेतृत्व से असहमति का संकेत माना जा रहा है। हालांकि वर्तमान में भूपेश बघेल AICC के महासचिव हैं, लेकिन उनके जन्मदिन पर मिले जनसमर्थन और चौबे के बयान से कांग्रेस खेमे में हलचल तेज़ हो गई है।

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