वित्त मंत्री के जिले में मासूमों की जान का खतरा, जर्जर स्कूल-आंगनबाड़ी में छात्र पढ़ने को मजबूर

रायगढ़ (नितिन सिन्हा)। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भेड़ीमुड़ा (ब) में शिक्षा व्यवस्था बदहाली के दौर से गुजर रही है।

यह वित्त मंत्री का क्षेत्र है, इसके बाद भी मासूम छात्र जर्जर और खस्ताहाल आंगनबाड़ी में पढ़ने के लिए मजबूर है। गांव का प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह जर्जर अवस्था में है, जिससे वहां पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जान हर रोज खतरे में पड़ रही है।

प्राथमिक स्कूल की इमारत में गहरी दरारें और बड़े-बड़े होल बन चुके हैं। बरसात में छतें टपकती हैं, फर्श उखड़ चुका है, और बैठने की कोई सुरक्षित जगह नहीं बची। स्थिति इतनी खराब है कि मूल भवन के बजाय एक पृथक कक्ष में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। लेकिन वहां भी न बेंच है, न सूखी जमीन। बच्चे गीली ज़मीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

शिक्षक भी डर-डर कर बच्चों को पढ़ाते हैं, क्योंकि भवन कभी भी गिर सकता है। ग्रामीणों की मानें तो हर दिन डर रहता है कि कहीं दीवार न ढह जाए, लेकिन विकल्प न होने के कारण बच्चों को वहीं भेजना पड़ता है।

इसी तरह आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति भी चिंताजनक है। भवन में न रोशनी है, न हवा की व्यवस्था। सीलन, बदबू और चारों ओर पानी का जमाव बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बना हुआ है।

ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूल और आंगनबाड़ी के नए भवन का निर्माण तुरंत शुरू किया जाए ताकि बच्चों की जान और शिक्षा दोनों सुरक्षित रह सकें।

सुने प्रधान पाठक ने क्या कहा?

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