छत्तीसगढ़ में डिजिटल क्रांति: तकनीक से बदला शासन-प्रशासन का चेहरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के सपने को साकार किया जा रहा है। सरकार की दूरदर्शी नीतियों और तकनीकी नवाचारों के बल पर अब मंत्रालय से लेकर ग्राम पंचायत तक डिजिटल सेवाएं प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं।

राज्य की 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से बुजुर्ग पेंशनरों और महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाओं को नगद भुगतान की सुविधा दी जा रही है। इससे ग्रामीणों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। ई-ऑफिस प्रणाली का विस्तार अब जिलों तक कर दिया गया है, जिससे फाइलों की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हुई है। जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी पूरी तरह डिजिटल हो गई है, जिसमें आधार प्रमाणीकरण से अपॉइंटमेंट लेकर घर बैठे रजिस्ट्री और नामांतरण संभव है।

राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए 14,490 गांवों का जियो रिफ्रेंसिंग किया गया है, जिससे भूमि विवाद कम होंगे। वहीं, ई-कोर्ट और अटल मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से राजस्व प्रकरणों और सरकारी योजनाओं की रीयल-टाइम निगरानी हो रही है। पेंशनरों के लिए डिजीलॉकर से ई-पीपीओ, जीपीएफ स्टेटमेंट और पेंशन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कर्मचारी एम्प्लाई कॉर्नर ऐप से अपनी सेवा जानकारी अपडेट कर पा रहे हैं।

देश का पहला एआई डेटा सेंटर पार्क नवा रायपुर में बनने से छत्तीसगढ़ को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नई पहचान मिलेगी। सीएमओ पोर्टल, खनिज ट्रांजिट पास प्रणाली, CGMSC ऐप जैसी डिजिटल पहलें शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ा रही हैं। छत्तीसगढ़ में डिजिटल क्रांति हर वर्ग को सशक्त बना रही है।

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