रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 27 सितंबर 2025 को बिलासपुर के कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में नव-निर्मित सरस्वती महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्या भारती संस्था द्वारा भारत की संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में किए जा रहे विशिष्ट योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे शिक्षा, अनुशासन और संस्कारों के माध्यम से राष्ट्र गौरव निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ।
कार्यक्रम में प्रदेश के 33 जिलों के सरस्वती स्कूलों से चयनित 24 मेधावी छात्र-छात्राओं और सांस्कृतिक एवं शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अध्यक्षता की, जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक और तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरस्वती महाविद्यालय ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय और इसरो, बेंगलुरु के साथ एमओयू किए हैं, जिससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी क्षेत्र में अधिक अवसर मिलेंगे। पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय का स्टडी सेंटर भी यहाँ प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषा में शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, हाइटेक लाइब्रेरी, रोबोटिक्स और एआई जैसी आधुनिक सुविधाएँ विद्यार्थियों को उपलब्ध करा रही है।
विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विद्या भारती के माध्यम से शिक्षा के साथ संस्कार देने के प्रयासों की सराहना की। संस्था के प्रांतीय संगठन मंत्री देव नारायण ने बताया कि छत्तीसगढ़ में तीन महाविद्यालय और सात प्रकल्प संचालित हैं, साथ ही ग्राम भारती के तहत 1,100 से अधिक विद्यालय शिक्षा और संस्कृति का प्रसार कर रहे हैं।
इस अवसर पर नन्हे बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। नगर निगम महापौर, शिक्षा समिति के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी व नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम ने विद्या भारती की शिक्षा और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली पहल को उजागर किया।