संदेश गुप्ता@धमतरी। जिले में पुलिस कप्तान पर जिम्मेदारी होती है कि, वो किसी भी अपराध को या तो होने ही न दे या फिर होने के बाद अपराधियों को जेल भेजवाने में देर न करें. शराब, जुआ, सट्टा जैसी सामाजिक बुराइयों पर लगाम कसे. बेसिक पुलिसिंग को मजबूत बना कर लोगो के अंदर सुरक्षा की भावना को पैदा करे. नशेड़ी चाकूबजों में कानून की ऐसी दहशत पैदा करे कि उनका सारा नशा काफूर हों जाये. चोरों को मौका ही न दे कि वो अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें.
लेकिन 2019 से लेकर 2021 तक के 3 सालों के रिकॉर्ड देखें तो इस दरमियान जिले में सेवारत रहे कप्तान ये दावा नहीं कर सकते कि, उन्होंने 100 फीसदी काम कर के दिखाया है, मसलन आज भी सट्टा चल रहा है. ढाबों, होटलों में शराब बिक रही है. कुछ मोहल्लों में नशेड़ी चाकूबाजों की दहशत कायम है. बीच-बीच में जुआ फड़ की खबरे भी आती रहती है.
2019 से जनवरी 2022 के दरमियान 3 एसपी बदल गए. वैसे धमतरी में नए एसपी के आने से ज्यादा चर्चा प्रफुल्ल ठाकुर को 6 माह में ही हटाने की हो रही है, तरह तरह के दावे और कयास लगाए जा रहे है. पर शासन ने अब जो करना था वो कर दिया है. इसलिए नए एसपी पर बात करना ज्यादा प्रासंगिक होगा. जिले की कमान आईपीएस प्रशांत ठाकुर के हाथों में सौंपी गई है. जब भी जिले में नया एसपी आता है… तब तब वही पुराने परंपरागत सवाल और उम्मीदें उन से की जाती हैं… कि क्या नए साहब सट्टा खत्म करेंगे..?? क्या चाकूबाजो पर सख्ती होगी…?? क्या होटल ढाबों में मदिरा बिक्री और सेवन बन्द होगा..?? नए एसपी आईपीएस प्रशांत ठाकुर से भी वही पुरानी और अधूरी उम्मीदें हैं…
साथ ही धमतरी के कुछ बड़े अनसुलझे सवाल और अपराध भी है जिन के ऊपर से पिछले 3 एसपी पर्दा हटाने में नाकाम रहे… खुलासा नही कर सके…
मसलन भटगांव में कथित रूप से हाथियों द्वारा युवक की हत्या का मामला… और राँवा के शराब दुकान से लाखों की लूट का मामला… घोडासन गिरोह के कई फरार आरोपियों की गिरफ्तारी ये सब चुनौतियां पिछले 3 एसपी बतौर विरासत छोड़ कर गए हैं… अब ये सवाल भी है और उम्मीदे भी की क्या नए एसपी साहब यहाँ रहते हुए… विरासती मामलों को अगले एसपी के लिए नही छोड़ेंगे..???