दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने जवानों और अधिकारियों के लिए पहली बार व्यापक सेहत और फिटनेस अभियान शुरू किया है।
इस अभियान का उद्देश्य जवानों को शारीरिक रूप से मजबूत और युद्ध-तैयार बनाए रखना है। अभियान के तहत जवानों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) रिकॉर्ड किया जाएगा। यदि बीएमआई मानक रेंज से बाहर पाया गया, तो जवानों को तीन महीने का समय दिया जाएगा ताकि वे इसे सुधार सकें।
सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने मुख्यालय में अपना बीएमआई दर्ज कराया और बताया कि फिट फोर्स और मजबूत फाइटिंग फोर्स के लक्ष्य के तहत 44 दिन का विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा और इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा।
इस अभियान में 58 वर्ष से कम आयु के सभी जवानों और अधिकारियों के लिए बीएमआई दर्ज कराना अनिवार्य है, जबकि 58 से 60 वर्ष के कर्मचारियों के लिए यह स्वैच्छिक है। सीआरपीएफ की जानकारी के अनुसार, इस अभियान में 3.25 लाख से अधिक जवान हिस्सा लेंगे।
पहले चरण में ज्यादा बीएमआई वाले जवानों को खानपान, व्यायाम और निगरानी प्रशिक्षण के माध्यम से फिट किया जाएगा। तीन महीने बाद बीएमआई फिर जांचा जाएगा। यदि मानक रेंज में नहीं आया, तो दूसरे चरण में ऐसे जवानों को बल के तीन विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में संरचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) किसी वयस्क के वजन और लंबाई के अनुपात को मापने का वैज्ञानिक तरीका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सामान्य बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच होता है।
सीआरपीएफ ने अपने जवानों को अनधिकृत मोबाइल ऐप के प्रति सतर्क किया है, जो बल के आधिकारिक ऐप की नकल करता है और व्यक्तिगत व संगठनात्मक डेटा चोरी कर सकता है। बल का ओरिजिनल ऐप ‘सीआरपीएफ संभव’ नाम से उपलब्ध है। इस महाअभियान से जवानों की सेहत सुधारने और बल की युद्ध क्षमता बढ़ाने की उम्मीद है।