सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में CRPF के अंबिकापुर बटालियन में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर (SI) आर. महेंद्रन 17 दिनों तक ठगों के डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें झांसा दिया कि उनके आधार नंबर से दिल्ली में बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसमें 2 करोड़ रुपए का अवैध लेनदेन हुआ है। इसी बहाने उनसे कुल 22 लाख रुपए ठग लिए गए।
ठगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग और दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर SI को डराया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होगा और गिरफ्तारी हो सकती है। ठगों ने वीडियो कॉल कर पुलिस यूनिफॉर्म पहने हुए व्यक्ति को दिखाया और अलग-अलग खातों में पैसे जमा करवाए। डर के मारे SI ने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर 10 लाख रुपए जुटाए और बेटे की एफडी तोड़कर 5 लाख रुपए निकाले। उन्होंने अपनी सैलरी से भी रकम भेजी। 6 जून से 23 जून तक SI लगातार ठगों के संपर्क में रहे और हर घंटे व्हाट्सएप पर रिपोर्ट भेजते रहे।
23 जून को जब ठगों के मोबाइल बंद हुए, तब SI को एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। SI ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर IT एक्ट की धाराओं और धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सरगुजा ASP अमोलक सिंह ने बताया कि जिन खातों में पैसे भेजे गए हैं, उनकी जांच की जा रही है। यह मामला प्रदेश में साइबर ठगी के खतरनाक बढ़ते दायरे को उजागर करता है, जिसमें आम लोग ही नहीं, सरकारी अफसर भी फंसते जा रहे हैं।