जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात सीआरपीएफ जवान जगदीश मीना ने शनिवार को सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जगदीश मीना राजस्थान के टोंक जिले के घरथाना इलाके के ज्योतिपुरा गांव के रहने वाले थे। वह लोहरदगा जिले के नक्सल प्रभावित पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग सीआरपीएफ कैंप में पदस्थापित थे। उन्होंने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गये। बताया जा रहा है कि जगदीश प्रसाद मीना जुलाई में ही अपने घर से लौटे थे। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि जगदीश ने आत्महत्या क्यों की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जगदीश के परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। घटना की जानकारी परिजनों को दे दी गयी है। शव को उसके गांव भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। झारखंड में ड्यूटी के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हर साल एक दर्जन से ज्यादा ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।
इसी साल की बात करें तो जनवरी में चाईबासा के गोइलकेरा में तैनात सीआरपीएफ 60वीं बटालियन के अमित सिंह नाम के जवान ने हवा में सात-आठ राउंड फायरिंग करने के बाद खुद को गोली मार ली थी। मार्च महीने में पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में झारखंड सशस्त्र पुलिस के जवान अनीश वर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पिछले महीने पलामू में एक सीआरपीएफ जवान ने भी अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।