राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जनसंपर्क विभाग में विचार गोष्ठी का आयोजन
रायपुर। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज जनसंपर्क संचालनालय में आयोजित विचार गोष्ठी में संपादकों, वरिष्ठ पत्रकारों और जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मीडिया की भूमिका, चुनौतियों और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि मीडिया की वास्तविक शक्ति उसकी विश्वसनीयता है, जिसे हर परिस्थिति में बनाए रखना आवश्यक है।
वरिष्ठ संपादक जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि आज सोशल मीडिया के दौर में कुछ समूह जानबूझकर भ्रामक सूचनाओं को एक साथ प्रसारित कर एल्गोरिदम बढ़ा देते हैं, जिससे लोग भ्रमित होकर उन्हें सच मान लेते हैं। उन्होंने दिल्ली मेट्रो के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि श्रीधरन जी किसी भी तकनीकी रुकावट की स्थिति में तुरंत तथ्यपरक सूचना जारी करते थे, जिससे अफवाहों को फैलने का मौका नहीं मिलता था। सही सूचना हमेशा भ्रामक खबरों पर भारी पड़ती है।
वरिष्ठ संपादक रवि भोई ने कहा कि खबरों की सच्चाई सर्वोपरि है और इसकी पुष्टि के बिना किसी भी सूचना का प्रसारण नहीं होना चाहिए। वहीं संपादक ए.एन. द्विवेदी ने कहा कि सूचनाओं की गुणवत्ता और उनके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए मीडिया को अत्यंत सतर्कता से काम करना चाहिए, क्योंकि छोटी सी चूक भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। वरिष्ठ पत्रकार अशोक साहू ने कहा कि पत्रकार यदि विश्वसनीयता के मानदंडों पर टिके रहें तो भ्रामक सूचनाओं का प्रसार स्वत: ही रुक जाता है।
अपर संचालक उमेश मिश्रा ने कहा कि मीडिया की विश्वसनीयता लोकतंत्र का आधार स्तंभ है। तकनीकी बदलावों के इस दौर में गलत सूचनाओं के तेज प्रसार को रोकने के लिए मीडिया को और अधिक सतर्क होना पड़ेगा। अपर संचालक आलोक देव ने कहा कि मीडिया केवल खबरें नहीं देता, बल्कि समाज को मार्गदर्शन और विश्वास भी प्रदान करता है। उप संचालक सौरभ शर्मा ने कहा कि एआई युग में गलत सूचनाएँ तेजी से फैलती हैं, इसलिए तथ्य जांच के बाद ही प्रसारण होना चाहिए।
