Covid-19: देश में रोज आएंगे 4 से 8 लाख केस , IIT कानपुर के प्रोफेसर ने कोरोना के तीसरी लहर के पीक को लेकर क्या कहा

नई दिल्ली। देश में कोरोना बेकाबू रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आज देश में 1 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। जो कि 214 दिनों में सबसे अधिक है। इधर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल की कोरोना पर रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है। प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक दिल्ली और मुंबई में ओमिक्रॉन और कोरोना के मामले जनवरी में 10 दिनो के भीतर चरम पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि कोविड की तीसरी लहर मार्च से आगे बढ़ेगी जैसा कि देश के उत्तरपूर्वी हिस्सों में दूसरी लहर के दौरान हुआ था। उन्होंने कहा कि दोनों शहरों में कोरोना के मामले 30 से 50 हजार के बीच आएंगे।  

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‘लॉकडाउन से मामले में गिरावट आएगी’

भारत इस महीने के अंत तक कोविड मामलों में बड़ा उछाल दर्ज किया जाएगा।  भारत में रोज 4 से 8 लाख मामले आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया तो मार्च तक कोरोना की तीसरी लहर के पीक के नीचे आने की उम्मीद है. भारत में मार्च के अंत तक रोजाना 10 हजार से 20 हजार कोरोना के नए केस आने की उम्मीद है

इससे पहले, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के निदेशक डॉ क्रिस्टोफर मरे ने भी बताया था कि भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट की संख्या जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में चरम पर हो सकती है।

अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जाता है तो मार्च तक मामलों में गिरावट की उम्मीद की जा सकती है। मार्च के अंत तक हम हर रोज 10,000 से 20,000 मामलों की उम्मीद कर सकते हैं,

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अस्पताल में भर्ती होने की कम उम्मीद

ओमिक्रॉवन संक्रमण के बढ़ने के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम होगी। अग्रवाल ने कहा कि हम बेड ऑक्यूपेंसी कम रहने की उम्मीद जता सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पीक जनवरी के अंत में होगा और पूरे भारत में मार्च से मामलों में गिरावट आएगी क्योंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैलता है।

31 दिसंबर को भी की थी भविष्यवाणी

प्रोफेसर अग्रवाल ने 31 दिसंबर को भी भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से घबराने की जरुरत नहीं है. उन्होंने उस वक्त भी दावा किया था कि फरवरी में ओमिक्रॉन पीक पर होगा लेकिन मरीजों की संख्या न तो अधिक होगी और न ही मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ेगा. उन्होंने कहा था कि फरवरी के बाद ओमिक्रॉन की लहर धीरे-धीरे कम होने लगेगी.

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