कोर्ट न्याय का मंदिर हो, सेवन स्टार होटल नहीं; बॉम्बे हाईकोर्ट के नए परिसर की रखी नींव: न्यायाधीश बी.आर. गवई

मुंबई। भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने बुधवार को कहा कि अदालतें “न्याय का मंदिर” हैं, न कि “सेवन स्टार होटल”। उन्होंने कहा कि जज अब भगवान नहीं, बल्कि आम नागरिकों के सेवक हैं। गवई बांद्रा में बन रहे बॉम्बे हाईकोर्ट के नए परिसर की नींव रखने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने न्यायिक भवनों के निर्माण में फिजूलखर्ची से बचने की सलाह भी दी।

बतौर CJI यह उनका आखिरी महाराष्ट्र दौरा था, क्योंकि वे 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह जस्टिस सूर्यकांत नए मुख्य न्यायाधीश होंगे। गवई ने कहा कि अदालत की इमारत संविधान के आदर्शों के अनुरूप होनी चाहिए, न कि किसी शाही संरचना जैसी।

उन्होंने बताया कि शुरुआत में वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन बाद में निर्णय बदल दिया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझसे कहा गया कि पता नहीं फिर कब बॉम्बे हाईकोर्ट का कोई जज मुख्य न्यायाधीश बने, इसलिए मैंने आने का फैसला किया।”

CJI ने कहा कि जब यह नया भवन तैयार होगा, तो यह मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की सबसे प्रतिष्ठित इमारतों में से एक होगा। उन्होंने इस आलोचना को खारिज किया कि महाराष्ट्र न्यायिक ढांचे के विकास में पीछे है। गवई ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य में कई न्यायिक भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहे। फडणवीस ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए 15 एकड़ जमीन दी जा चुकी है, जबकि बाकी 15 एकड़ मार्च 2026 तक ट्रांसफर की जाएगी। यह नया परिसर 50 लाख वर्ग फुट में फैलेगा और इस पर करीब 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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