बड़े बकायादारों पर निगम की सख्ती, एक दिन में 1.77 करोड़ की वसूली

रायपुर। रायपुर नगर निगम की वित्तीय स्थिति इन दिनों कमजोर हो गई है। सफाई व्यवस्था संभालने वाली कंपनी का 8-10 महीने का भुगतान बकाया है, वहीं ठेकेदारों का भी 3-4 माह से पेमेंट लंबित है। कई ठेकेदारों ने समय पर भुगतान न होने पर आगे काम जारी रखने में असमर्थता जताई है। इस स्थिति को देखते हुए निगम ने राजस्व वसूली पर जोर देते हुए बड़े बकायादारों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है।

निगम का प्रमुख राजस्व स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है। आमतौर पर यह वसूली अभियान दिसंबर से शुरू होता है, लेकिन इस बार कमिश्नर विश्वदीप के निर्देश पर अक्टूबर से ही कार्रवाई तेज कर दी गई। निगम के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में टैक्स जमा न करने वालों को बकायादार माना गया है। ऐसे में उनकी संपत्तियां सील की जा रही हैं।

जोन-10 ने सबसे आगे रहते हुए सिर्फ एक दिन में 80.59 लाख रुपए की वसूली की। जोन कमिश्नर विवेकानंद दुबे ने बताया कि सितंबर से बड़े बकायादारों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिसका नतीजा अब दिख रहा है। इसी तरह जोन-5 ने 24.17 लाख, जोन-2 ने 16.75 लाख और जोन-1 ने 14.77 लाख रुपए की वसूली की। अन्य जोनों ने मिलाकर लाखों की राशि जुटाई। इस तरह सभी जोनों ने मिलकर एक दिन में कुल 1.77 करोड़ की रिकॉर्ड वसूली की।

जोन-8 में भी हाल ही में 15 बड़े बकायादारों की संपत्तियां सील की गई थीं, जिनमें एक नामचीन बिल्डर भी शामिल है। निगम कमिश्नर का कहना है कि जब तक टैक्स जमा नहीं होगा, तब तक संपत्तियों की सील नहीं खोली जाएगी। राजस्व वसूली से जुटाई गई राशि का उपयोग निगम ठेकेदारों और सफाई कंपनियों के बकाया भुगतान निबटाने में करेगा। नगर निगम का लक्ष्य है कि समय पर राजस्व बढ़ाकर शहर की मूलभूत सेवाएं प्रभावित न हों और सफाई व्यवस्था सुचारू बनी रहे।

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