कांग्रेस ने अपने पत्र में स्ट्रांग रूम से डाक मतपत्र बाहर ले जाने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था, जिससे अब पार्टी पीछे हट गई है. एक वीडियो जारी कर कांग्रेस शहर इकाई के अध्यक्ष शफकत खान ने कहा है कि एक कंफ्यूजन के कारण यह मुद्दा बन गया था. लेकिन अब उनकी पार्टी चुनाव अधिकारियों से स्पष्टीकरण मिलने के बाद संतुष्ट है.
बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने इन आरोपों से पहले ही इनकार कर दिया था. राजन ने यह भी कहा था कि स्थानीय कांग्रेस नेता प्रक्रिया से संतुष्ट हैं. राजन ने एजेंसी को बताया था कि कांग्रेस एवं बीजेपी के अधिकृत एजेंटों की मौजूदगी में ही डाक मतपत्र को स्ट्रांग रूम से निकालकर विधानसभावार अलग किया गया था.
निलंबित करने की मांग
मुख्य चुनाव अधिकारी ने आगे कहा कि डाक मतपत्रों को बक्सों में रखा गया था. बैहर के 429, लांझी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 और कटंगी के 126 सर्विस वोटों को अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में अलग किया गया. हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रदेश के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों को कोषागार कक्ष से बाहर ले जाया गया और उन कर्मचारियों को सौंप दिया जो इच्छा के मुताबिक इसे संभाल रहे थे. इसलिए, डाक मतपत्रों से छेड़छाड़ होने की पूरी संभावना है. धनोपिया ने बालाघाट कलेक्टर गिरीश चंद्र मिश्रा और इस प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग भी की.