रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन और संगठनात्मक पकड़ को फिर से हासिल करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर 15 सितंबर तक “संगठन सृजन अभियान” चला रही है। इस अभियान के तहत पार्टी प्रदेश के 41 संगठनात्मक जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रायपुर दौरे के बाद इस प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
फिलहाल सरगुजा सहित कुछ जिलों में बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। इसके बाद ब्लॉक अध्यक्ष और अंत में जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां की जाएंगी। संगठन को जमीनी स्तर पर मज़बूत करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। खास बात यह है कि नई नियुक्तियों के लिए पर्यवेक्षक दूसरे राज्यों से बुलाए जा रहे हैं, ताकि गुटबाज़ी और शक्ति प्रदर्शन पर नियंत्रण रखा जा सके।
नियुक्तियों को किया जाएगा रद्द
अभियान के तहत हाल में की गई कुछ नियुक्तियां भी रद्द की जाएंगी और नए पदाधिकारियों को मौका मिलेगा। नई नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान तय किया गया है।
पहले के तरीकों में नेताओं द्वारा अपने करीबी लोगों को पद दिलाने के आरोप लगते थे। इस बार कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के 1970 के मॉडल को अपनाते हुए नीचे से ऊपर तक की पारदर्शी प्रक्रिया लागू की है। चयन के लिए इंटरव्यू की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें एआईसीसी और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
राहुल गांधी कर रहे निगरानी
इस पूरे अभियान की निगरानी स्वयं राहुल गांधी कर रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश और गुजरात का दौरा कर समीक्षा की है। उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में यह सृजन अभियान कांग्रेस संगठन की रीढ़ मज़बूत करेगा और आगामी चुनावों के लिए नई ऊर्जा देगा।