रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में शीतलहर के चलते कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को प्रदेश के सबसे ठंडे इलाकों में शामिल मैनपाट का न्यूनतम तापमान गिरकर 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड का असर इतना अधिक रहा कि सुबह ओस जमकर बर्फ में तब्दील हो गई। मैनपाट के पाट क्षेत्रों के साथ-साथ आसपास के मैदानी इलाकों में भी पाले पड़ने की स्थिति बनी रही। देर रात और सुबह के समय सड़कों पर घना कोहरा छाया रहा, जिससे वाहनों की रफ्तार थम गई और दृश्यता काफी कम हो गई।
मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग के जिलों के साथ-साथ बिलासपुर संभाग के एक-दो इलाकों में अगले दो दिनों तक घने कोहरे की आशंका जताई है। इसके साथ ही अगले तीन दिनों में उत्तर छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। वहीं मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है, जिससे लोगों को ठंड से कुछ राहत मिल सकती है।
कोहरे को देखते हुए मौसम विभाग ने वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। कई इलाकों में विजिबिलिटी घटकर केवल 30 मीटर तक रह गई, जिसके चलते लोगों को लाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े। प्रदेश में बीते 24 घंटों में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस जांजगीर में रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री मैनपाट में दर्ज हुआ।
प्रदेश के 6 से अधिक शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है। ठंड से बचने के लिए लोग सुबह और शाम के समय अलाव का सहारा ले रहे हैं। पेंड्रा में भी लगातार ठंड बढ़ रही है और सुबह घना कोहरा छाया रहा। कड़ाके की ठंड का असर बच्चों की सेहत पर भी दिखने लगा है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
