दिल्ली। उत्तर और मध्य भारत में ठंड का असर तेजी से बढ़ गया है। हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाओं ने तापमान को कई राज्यों में सीजन के न्यूनतम स्तर तक पहुंचा दिया है। राजस्थान में पहली बार पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
सीकर, अलवर और फतेहपुर सहित 10 से अधिक शहरों में इस सीजन का सबसे कम तापमान रिकॉर्ड हुआ। अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा, सिर्फ बाड़मेर-फलोदी को छोड़कर। मौसम विभाग ने कई इलाकों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।
मध्य प्रदेश में भी सर्दी का सितम जारी है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के शहरों में लगातार कोल्ड वेव की स्थिति बनी हुई है। शहडोल 7.2 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा, जबकि शिवपुरी 8 डिग्री पर दर्ज हुआ। भोपाल में पिछले सात दिनों से शीतलहर सक्रिय है। 15 और 16 नवंबर को कई जिलों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है।
उधर, दिल्ली में ठंड के साथ प्रदूषण भी परेशानी बढ़ा रहा है। बुधवार को AQI 386 रहा, जो ‘सीवियर’ से थोड़ा नीचे आते हुए ‘वेरी पुअर’ श्रेणी में दर्ज हुआ। प्रदूषण में मामूली सुधार के बावजूद लोगों को सांस लेने में दिक्कतें बनी हुई हैं।
यूपी में पछुआ हवाओं के चलते तापमान तेजी से गिरा है। कानपुर 8 डिग्री के साथ राज्य का सबसे ठंडा शहर रहा। पांच जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। 16 नवंबर से ठंड और बढ़ने की संभावना है।
पंजाब में भी पारा लगातार गिर रहा है। रात का तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री कम रिकॉर्ड हुआ। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय न होने से बारिश की उम्मीद नहीं है, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी संभव है।
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में पाला गिरने लगा है। ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान 5 डिग्री से नीचे चला गया है और कड़ाके की ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
