आचार संहिता का उल्लंघन, विधायक पदनाम का बोर्ड लगी फॉर्च्यूनर में शहरभर घूमतरी रही विधायक, निर्वाचन आयोग बेखबर

शिव शंकर साहनी@अंबिकापुर। लोकसभा चुनाव के लिए अचार संहिता की घोषणा की जा चुकी है। ऐसे में आम जनों से लेकर जनप्रतिनिधियों को भी कई तरह के नियमों का पालन करना पड़ता है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के चाल-चलन को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि उनके लिए आचार संहिता के सारे नियम बेमानी हैं।

अम्बिकापुर में आगामी 24 अप्रैल 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी चुनावी रैली होने जा रही है। भाजपा द्वारा इस बड़े कार्यक्रम को सफल बनाने जोरों-शोरों से तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में अम्बिकापुर स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में विधानसभा क्रमांक 6, प्रतापपुर से पहली बार विधायक बनी शकुंतला पोर्ते भी अपनी विधायक पदनाम लगी लक्जरी फॉर्च्यूनर से पहुंची थी। शायद इन माननीय को यह जानकारी नहीं थी कि आचार संहिता के दौरान चुने हुए जनप्रतिनिधियों को किस तरह के आचरण का पालन करना चाहिए। इस दौरान पदनाम वाले बोर्ड के बारे में विधायक से पूछे जाने पर सारा ठीकरा ड्राइवर पर फोड़ उन्होनें अपना पल्ला झाड़ लिया।

हालांकि मीडिया द्वारा इस मुद्दे पर सवाल जवाब के बाद फॉर्च्यूनर पर लगे पदनाम के बोर्ड को ढंक दिया गया लेकिन ऐसे में एक सवाल जरूर उठता है कि क्या जनप्रतिनिधियों को आचार संहिता के नियमों की जानकारी नहीं या उनका भौकाल चुनावी माहौल में भी कम न हो इसलिए ऐसी हरकतें वह जानबूझकर करते हैं। एक बड़ा सवाल निर्वाचन आयोग और प्रशासन की कार्यशैली पर भी खड़ा होता है कि पूरे शहर में पदनाम लगी गाड़ी बेरोकटोक घूमती रही फिरभी पुलिस से लेकर प्रशासन तक किसी की नज़र इस पर क्यों नहीं पड़ी या देखकर भी नजरअंदाज किया गया।

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