रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जांजगीर-चांपा में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में तीन जिलों – जांजगीर-चांपा, सक्ती और कोरबा की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने खास तौर पर सड़क निर्माण प्रस्तावों में देरी पर नाराजगी जताई और तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी स्थिति में संबंधित जिले के कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे। सुशासन तिहार के तीसरे चरण की शुरुआत के दिन यह बैठक हुई, जिसमें योजनाओं की गति और गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों का दौरा करने और आमजन से सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के निर्देश दिए। ग्रामीण बस योजना, स्कूलों में प्रमाण पत्र वितरण, सिकलसेल जांच और जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
ग्रामीण आवास योजना की धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं को मिस्त्री का प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने बताया कि रेत निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है और दानपत्र के जरिए संयुक्त परिवारों की आवास समस्या भी हल की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने जेनेरिक दवाओं के प्रचार और मूंगफली की खेती को बढ़ावा देने की बात भी कही। बैठक में सांसद, मंत्री, मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।