CHUNAV: नक्सलवाद पर लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत, बस्तर में गूंजेगा लोकतंत्र का स्वर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के पहले चरण में लोकतंत्र ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। बस्तर संभाग, जो दशकों तक नक्सलवाद से प्रभावित रहा, अब लोकतंत्र की ओर कदम बढ़ा रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के कई मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों ने पहली बार मतदान किया, जो एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर की जनता ने विकास का मार्ग चुना और हिंसा को नकारा है। यह परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास की जीत है।

नक्सलियों ने नहीं किया चुनाव का विरोध

बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों द्वारा विरोध न किया जाना सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी इस बार ग्रामीणों ने उत्साह से मतदान किया।

राज्य के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जोश देखा गया। बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में भी ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया।

नक्सलवाद के अंत की ओर ऐतिहासिक कदम

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद का खात्मा अब निर्णायक मोड़ पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि बस्तर में लोकतंत्र की विजय है। यह सुरक्षाबलों की मेहनत, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का परिणाम है। लोकतंत्र की इस जीत में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है, और यह साबित करता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी लोकतंत्र के प्रति आस्था बढ़ी है।

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