मुख्यमंत्री साय ने मिनीमाता की पुण्यतिथि पर किया नमन, बताया सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और प्रख्यात समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मिनीमाता का जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को उन्होंने अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता और न्याय की मजबूत नींव रखी।

मुख्यमंत्री ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सशक्त और निर्भीक आवाज उठाई। मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना में उनका योगदान ऐतिहासिक महत्व रखता है।

साय ने कहा कि मिनीमाता की सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया। वह न केवल एक जननेता थीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की आवाज भी थीं। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि दृढ़ संकल्प और सेवा भावना से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि मिनीमाता की विचारधारा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी नागरिक उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।

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