रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शहरों के समग्र और आधुनिक विकास के लिए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना की शुरुआत की है, जो शहरी संरचना को नई गति और नई दिशा देने वाली साबित हो रही है।
इस योजना का उद्देश्य शहरों को जीवंत, व्यवस्थित और नागरिक हितों के अनुरूप विकसित करना है। पहले चरण में राज्य के 14 नगर निगमों में इसे लागू किया गया है। अब तक 13 नगर निगमों में 26 बड़े कार्यों को मंजूरी मिल चुकी है, जिनकी कुल लागत 429.45 करोड़ रुपए है।
योजना के तहत मरीन ड्राइव विस्तार, ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, हाइटेक बस स्टैंड, ऑडिटोरियम, गौरव पथ, मुख्य सड़कों का चौड़ीकरण, जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण और रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट जैसे आइकॉनिक प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि यह योजना शहरों की “सूरत और सीरत” दोनों बदलने में मील का पत्थर साबित होगी। वहीं उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि योजना को चरणबद्ध तरीके से सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा।
रायपुर में 91.27 करोड़, रायगढ़ में 64.66 करोड़, बिलासपुर में 57.92 करोड़, धमतरी में हाइटेक बस स्टैंड और ऑडिटोरियम, अंबिकापुर में 11.60 करोड़ के महामाया कॉरीडोर सहित कई महत्वपूर्ण अनुमोदन दिए गए हैं। कोरबा में गौरव पथ निर्माण के लिए 36.55 करोड़ और जगदलपुर में मार्ग चौड़ीकरण व दलपत सागर सौंदर्यीकरण के कार्य स्वीकृत हुए हैं।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति बनाई गई है, जो सभी कार्यों की मॉनिटरिंग करेगी। 500 करोड़ रुपए के बजट वाली यह योजना छत्तीसगढ़ के शहरों में आधुनिक, सुंदर और सुगम शहरी जीवन की दिशा में बड़ा कदम है, जो आने वाले वर्षों में विकास के नए मानक स्थापित करेगी।
