रायपुर। छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क के विस्तार को लेकर बड़ी तस्वीर अब साफ नजर आने लगी है। राज्य के दीर्घकालिक विकास को गति देने के लिए रावघाट–जगदलपुर, धरमजयगढ़–लोहरदगा और खरसिया–नया रायपुर–परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को इस बार ऐतिहासिक रेलवे बजट मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक गतिविधियों और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस विकास यात्रा को और मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
रावघाट रेलवे लाइन के अंतर्गत दल्लीराजहरा–अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू हो चुका है और यहां यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। रावघाट तक लाइन का विस्तार कार्य प्रगति पर है, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और क्षेत्र के ग्रामीणों को सस्ती व सुगम परिवहन सुविधा मिलेगी।
इसी तरह के.के. रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना के तहत कुल 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूरा कर लिया गया है। इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा और माल ढुलाई के साथ यात्रियों को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
4021 करोड़ रुपये की लागत से बन रही डोंगरगढ़–कवर्धा–कटघोरा रेल लाइन 295 किमी लंबी है। इसके पूर्ण होने से खनिज परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, यात्रियों की सुविधाएं बढ़ेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वहीं कोरबा–अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा अंचल को विकास की नई दिशा मिलेगी।
गढ़चिरौली–बीजापुर–बचेली 490 किमी लंबी रेल परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि सरडेगा–भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल संपर्क और मजबूत होगा। कुल मिलाकर, ये परियोजनाएं राज्य के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
