रायपुर। खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पारदर्शिता के लिए छत्तीसगढ़ की सराहनीय पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह सम्मान आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव एवं खनिज सचिव पी. दयानंद को सौंपा।
खनन मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत नेशनल डीएमएफ पोर्टल पर सभी राज्यों के डीएमएफ डेटा का संधारण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ने डीएमएफ ऑडिट रिपोर्टों का 90 प्रतिशत से अधिक डेटा सफलतापूर्वक पोर्टल पर अपलोड किया, जिसके लिए राज्य को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए अन्य राज्यों को भी इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी गई।
कार्यशाला का उद्देश्य प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना तथा डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाना और खनन क्षेत्रों में सतत व समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना था। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के सचिव, संचालक और खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना और आजीविका जैसे क्षेत्रों में सतत विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 70,318 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
डीएमएफ क्रियान्वयन में राज्य सरकार पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता दे रही है। कार्यों की योजना स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाई जा रही है, जिससे सामाजिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है। कार्यशाला में सचिव पी. दयानंद, संचालक श्री रजत बंसल सहित बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ और दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर एवं डीएमएफ नोडल अधिकारी उपस्थित थे।