रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट संजय कुमार मिश्रा, उनके भाई मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को हिरासत में लिया है। अभिषेक, इस घोटाले के मुख्य आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा है।
EOW का दावा है कि इन आरोपियों के पास शराब घोटाले में लेनदेन, रकम की हेराफेरी और अन्य अहम दस्तावेजों की जानकारी है। बताया गया कि संजय और मनीष ने नेक्स्टजेन पावर कंपनी बनाकर FL-10 लाइसेंस के माध्यम से राज्य में महंगी विदेशी शराब की सप्लाई की।
इससे पहले 18 जुलाई को ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर छापा मारा था और उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की थी। उनकी कस्टोडियल रिमांड 22 जुलाई को पूरी हो रही है, जिसके बाद उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ईडी की जांच में शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल ने कबूल किया कि उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ब्लैक मनी को संभाला। इसमें से 100 करोड़ रुपये नकद केके श्रीवास्तव को दिए गए।
ईडी को यह भी जानकारी मिली कि यह रकम चैतन्य के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में इन्वेस्ट की गई। छापेमारी में 4.2 करोड़ की कैश पेमेंट का रिकॉर्ड नहीं मिला, जिससे घोटाले के और गहरे सबूत सामने आ रहे हैं।