छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: कांग्रेस नेता बोले- EOW टीम प्रॉपर्टी के पेपर ले गई, 19 लाख कैश, मोबाइल-दस्तावेज जब्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में ACB-EOW की बड़ी कार्रवाई हुई है। शनिवार को रायपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर और अंबिकापुर में कवासी लखमा के करीबियों के 13 ठिकानों पर छापे मारे गए। इस दौरान जांच टीम ने मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक डिटेल्स, प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात और 19 लाख रुपए नकद जब्त किए।

रायपुर के देवेंद्र नगर में कांग्रेस नेता जी नागेश और उनके भाई जी श्रीनिवास राव के घर भी दबिश दी गई। श्रीनिवास ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया, “टीम सुबह 5:45 बजे पहुंची, हमने पूरा सहयोग किया। हम लखमा के करीबी जरूर हैं, पर उनका कोई आर्थिक लेन-देन हमारे साथ नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि 2019-2023 के बीच की संपत्ति रजिस्ट्री से जुड़े सभी दस्तावेज EOW को सौंप दिए गए हैं।

श्रीनिवास ने कहा कि “हम बेगुनाह हैं, हमें डरने की जरूरत नहीं। लखमा से हमारे केवल राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध हैं। कोई भी वित्तीय संलिप्तता नहीं है।” उन्होंने बताया कि टीम ने परिवार के सभी मोबाइल अलग रखवाए और पूछताछ में सहयोग की बात कही।

शराब घोटाले में 30 अफसरों पर गिरी गाज

शराब घोटाले में आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति EOW को मिल चुकी है। इनमें तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव, उपायुक्त अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, विकास गोस्वामी, इकबाल खान, अशोक सिंह, मोहित जायसवाल समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन पर जल्द चार्जशीट पेश की जा सकती है।

किन-किन ठिकानों पर हुई छापेमारी

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

ED द्वारा दर्ज FIR के अनुसार, 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ। आरोप है कि IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ। ED की रिपोर्ट पर अब ACB और EOW जांच कर रही हैं।

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