Chhattisgarh: झीरम घाटी कांड, रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने उठाया सवाल, कहा- रमन सरकार के वक्त प्रशांत कुमार मिश्र थे एडवोकेट जनरल, कही कोई बात तो नहीं

रायपुर। (Chhattisgarh) झीरम घाटी कांड मामले पर न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने पर टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट सरकार सौंपी जानी थी, लेकिन आयोग ने राज्यपाल को सौंप दिया। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्र को लेकर कहा कि रमन सरकार के समय वह एडवोकेट जनरल थे. अब आंध्र प्रदेश के चीफ जस्टिस नियुक्त हो चुके हैं, कही कोई बात तो नहीं है. बॉयपास कर रिपोर्ट राज्यपाल को क्यों दी गई है, ये सवाल है.

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उन्होंने आगे कहा कि (Chhattisgarh) हम झीरम घाटी की घटना को भूल नहीं सकते हैं. मैं खुद इस यात्रा में शामिल हुआ था. महज यह एक घटना ना होकर हत्याकांड था. उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ने नंदकुमार पटेल ने मुझे यात्रा प्रभारी बनाया था. मुझे मालूम है, उस वक्त हमने कौन सा रूट चुना था. लेकिन अखबार में यह खबर प्लांट कराई गई कि कांग्रेस ने रूट बदल दिया था. जो बातें षडयंत्र के दायरे में आनी चाहिए थी, उस पर जांच नहीं हुई. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस रूट से हम गुजरे वहां हमे सुरक्षा नहीं दी गई. पुलिस का एक भी आदमी तैनात नहीं था.

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बता दें कि (Chhattisgarh) 10 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि ‘झीरम मामले की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल पूर्ण हो चुका था और उन्होंने (आयोग ने) कहा था कि रिपोर्ट अभी अधूरी है। तो ​निश्चित रूप से इस संबंध में विचार कर बहुत जल्द निर्णय लिये जाने की बात सीएम ने कही।

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