छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका खारिज, नई याचिका दाखिल करने की दी छूट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका खारिज कर दी है। चैतन्य बघेल ने शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की कार्रवाई को चुनौती दी थी। सोमवार को सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि वे चाहें तो नई याचिका दाखिल कर सकते हैं, लेकिन वह केवल उनके निजी मामले तक सीमित होनी चाहिए।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सुनवाई हुई। चैतन्य बघेल की ओर से सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन और हर्षवर्धन परगनिया ने पैरवी की। चैतन्य ने दावा किया कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। सरकार की ओर से महेश जेठमलानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तर्क प्रस्तुत किए।

चैतन्य बघेल को ED ने शराब घोटाला मामले में 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया था। वे अब 6 सितंबर तक रायपुर जेल में रहेंगे। कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें 23 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। ED ने रिमांड के दौरान पांच दिनों तक उनसे नए तथ्यों पर पूछताछ की।

ED के मुताबिक, शराब घोटाले से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले। इस ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर वाइट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में घोटाले की राशि 13-15 करोड़ रुपए निवेश की गई, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ दिखाया गया। इसके अलावा, 4.2 करोड़ रुपए कैश पेमेंट भी रिकॉर्ड में नहीं दिखाया गया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि नई याचिका केवल निजी मामले से संबंधित होनी चाहिए। इस फैसले के बाद चैतन्य बघेल को अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी और ED की जांच जारी रहेगी।

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