नसबंदी करा चुके नक्सलियों को टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा देगी छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर। माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार संवेदनशील कदम उठा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने अब एक अनोखा और मानवीय फैसला लिया है।

राज्य सरकार ने तय किया है कि नसबंदी करा चुके आत्मसमर्पित नक्सली दंपतियों को टेस्ट ट्यूब बेबी (आईवीएफ) के माध्यम से संतान सुख का अवसर दिया जाएगा। यह सुविधा उन नक्सलियों के लिए है, जिनकी नक्सल संगठन में रहते हुए जबरन नसबंदी कराई गई थी। माओवादी संगठनों में संतानोत्पत्ति की इजाजत नहीं होती, इसलिए कई दंपतियों की नसबंदी कर दी जाती है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार पुनर्वास योजना का लाभ तो दे ही रही है, अब उन्हें पिता बनने का हक भी मिलेगा। सरकार ऐसे लोगों को टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा मुफ्त में देगी, ताकि वे सामान्य पारिवारिक जीवन जी सकें।

सिर्फ विवाहित ही नहीं, बल्कि अविवाहित आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में उन्हें शादी का अवसर दिया जाएगा। सरकार का यह कदम सिर्फ पुनर्वास नहीं, बल्कि एक नई पहचान और सम्मानजनक जीवन की दिशा में ठोस पहल मानी जा रही है, जिससे आत्मसमर्पित नक्सली समाज में आत्मविश्वास के साथ जी सकें।

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