रायपुर। जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जल संचय जनभागीदारी 1.0 (JSJB 1.0) के परिणामों में प्रदेश ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि रायपुर नगर निगम को इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रदेश में अब तक 4,05,563 कार्य किए गए हैं, जिससे जल संरक्षण एक जन-आंदोलन में बदल गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल-संपदा की नींव है। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार केवल प्रशासनिक प्रयास का परिणाम नहीं है, बल्कि हर किसान, महिला, नौजवान और जनप्रतिनिधि की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है।
शहरी क्षेत्रों में रायपुर नगर निगम ने 33,082 कार्यों के माध्यम से जल संरक्षण और जन-सहभागिता आधारित शहरी विकास का मॉडल प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने निगम प्रशासन और नागरिकों की सराहना की और इसे पूरे देश के लिए अनुकरणीय बताया।
जिला स्तर पर भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। कैटेगरी-1 में बालोद को प्रथम, राजनांदगांव को द्वितीय और रायपुर को तृतीय स्थान मिला, प्रत्येक को ₹2-2 करोड़ का पुरस्कार दिया जाएगा। कैटेगरी-2 में महासमुंद, बलौदा बाजार और गरियाबंद को ₹1-1 करोड़ और कैटेगरी-3 में बिलासपुर, रायगढ़, बलरामपुर, धमतरी, सुरजपुर और दुर्ग को ₹25-25 लाख के पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि ‘जन-संवाद एवं जनभागीदारी आधारित सुशासन नीति’ का प्रत्यक्ष परिणाम है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि जल संरक्षण को केवल सरकारी कार्यक्रम न मानें, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि बूंद-बूंद का संरक्षण ही भविष्य की जल-सुरक्षा की गारंटी है।
छत्तीसगढ़ की यह सफलता न केवल प्रदेश को सम्मान दिलाती है, बल्कि इसे जल प्रबंधन का राष्ट्रीय मॉडल भी बना देती है और साबित करती है कि सरकार और जनता मिलकर असंभव को संभव कर सकते हैं।