रायपुर। (Chhattisgarh) दूरस्थ और सीमावर्ती जिला जशपुर की उन आदिवासी महिलाओं को क्या मालूम था कि एक दिन शासन की योजना से जुड़ने के बाद वे आत्मनिर्भर की राह में चल पड़ेंगी और प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनका सीधा संवाद ही स्थापित नहीं होगा, बल्कि मुख्यमंत्री भी उनके कार्यों की तारीफ करेंगे। जशपुर जिले में रहने वाली वह चाहे शांता एक्का हो या दिब्या किरण, सरस्वती बाई या फिर अमिषा लकड़ा हो। (Chhattisgarh) सभी ने आज मुख्यमंत्री से खूब तारीफ और प्रशंसा बटोरी।
(Chhattisgarh) जशपुर जिले से अपनी सफलता का राज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में बैठे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बताते हुए जब एक आदिवासी महिला ने कहा कि गन्ने की फसल लेते हैं, गुड़ बनाते हैं और उसे बेचते हैं।
महिला ने मुस्कुराते हुए जब कहा कि इस बार बहुत ज्यादा नहीं बेच पाए क्यांेकि लॉकडाउन लग गया था और डर के मारे महिलाएं घर से नहीं निकलीं तो मुख्यमंत्री हंस पड़े और उन्होंने सभी को उनकी उपलब्धि पर वेरी गुड, बधाई, शुभकामनाएं जैसे शब्दों से प्रोत्साहित कर कहा कि शासन की योजनाओं से जो लाभ मिल रहे है, उसे अन्य को भी बताए। आप लोगों को बहुत-बहुत बधाई….।