रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सियासी रस्साकशी में स्थिरता दिख रही हैं। कांग्रेस विधायकों के चेहरे पर खुशी हैं। सीएम के सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजा रहेगा। ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के तहत छत्तीसगढ़ की सियासत में खलबली मच गई थी। प्रदेश से लेकर नेशनल मीडिया तक यह खबर चर्चा में बनी रही। यहां तक की आशंका जताई जा रही थी छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा बदलाव हो सकता हैं। मगर अब इस पर ब्रेक लगता दिख रहा है और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने रहेगे। कांग्रेस विधायकों का दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन रंग ला दिया। आज भूपेश बघेल को समर्थन देने के लिए विधायकों के साथ प्रदेश के 5 महापौर शाम की फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गए। एक तस्वीर भी दिल्ली से सामने आई जहां सीएम भूपेश बघेल और विधायकों से घिरे हुए हैं।
गौरतलब है कि (Chhattisgarh) राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बैठक 3.30 घंटे तक चली। प्रियंका गांधी भी बैठक में मौजूद थी। लेकिन डेढ़ घंटे बाद वह बाहर निकल गई। बैठक के समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री पीएल पुनिया के साथ बाहर आए। ऐसे में वहां मौजूद मीडिया ने उन्हें घेर लिया। तब उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मैंने हमारे नेता को सब कुछ बता दिया है. राजनीतिक के साथ-साथ राज्य प्रशासनिक चर्चा भी हुई. अंत में मैंने राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ आने का अनुरोध किया. उन्होंने सहर्ष निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. वह अगले सप्ताह यहां आएंगे.
बता दें कि (Chhattisgarh) कल अचानक प्रदेश की राजनीति में बड़ी स्थिरता देखने को मिली। रायपुर के सर्किट हाउस में विधायकों की बैठक हुई। इसके बाद सभी विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए सीएम हाउस पहुंचे। वहां से निकलने के बाद आधे से अधिक बीते गुरुवार को दिल्ली के लिए कूच कर दिए। जो बचे आज सुबह की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे। जहां सभी ने पीएल पुनिया के साथ मुलाकात की। बैठक करीबन 1 घंटे तक चली। इसके बाद बस में सवार होकर सभी विधायक एआईसीसी के दफ्तर के लिए निकल गए।
मगर छत्तीसगढ़ में छाया काला बादल अब छटने लगा हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी कुर्सी को बचाने में सफल रहे। और कांग्रेसियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी।