रायपुर। छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य गुणवत्ता के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। रायपुर पंडरी जिला अस्पताल की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) देश की पहली और बलौदाबाजार जिला अस्पताल की IPHL दूसरी राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी सर्टिफाइड लैब बनी है।
दोनों लैब्स को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) के तहत मूल्यांकन में उत्कृष्ट स्कोर प्राप्त हुआ। पंडरी IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88 प्रतिशत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता को राज्य के स्वास्थ्य तंत्र में आए संरचनात्मक और वैज्ञानिक सुधारों का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिक और जिला अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित मानव संसाधन और गुणवत्ता-आधारित मानकों से लैस कर रही है, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक उच्च स्तरीय जांच सेवाएँ पहुंच रही हैं।
IPHL मॉडल का उद्देश्य एक ही स्थान पर पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी की सभी जांचें उपलब्ध करवाना है। पंडरी IPHL रोजाना 3,000 से अधिक और बलौदाबाजार IPHL लगभग 1,200 जांचें करती है। इससे मरीजों को निजी लैब में जाने की आवश्यकता कम हुई है और रिपोर्ट की गति व विश्वसनीयता बढ़ी है।
भारत सरकार की टीमें दोनों लैब्स का सितंबर 2025 में निरीक्षण करने पहुंचीं। टीमों ने मरीज-केंद्रित सेवाओं, सुरक्षा प्रक्रियाओं, रिकॉर्ड प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण की गहन समीक्षा की। छत्तीसगढ़ में जनवरी 2024 से अब तक 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के अनुसार मूल्यांकन किया जा चुका है, जो किसी भी राज्य के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को देश में स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में सभी जिला अस्पतालों को IPHL मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएँ और अधिक सुलभ, तेज और विश्वसनीय बनेंगी।
