रायपुर। रायपुर में आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एक विशेष कार्यक्रम हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के नए अध्यक्ष विकास मरकाम को पदभार ग्रहण करने पर शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी इलाकों में औषधीय पौधों की अपार संभावनाएं हैं। पारंपरिक वैद्य और बैगा वर्षों से इन औषधियों का उपयोग इलाज में करते आ रहे हैं। अब सरकार का उद्देश्य है कि इन पौधों के संरक्षण, संवर्धन और उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने बताया कि इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे आमदनी भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अबूझमाड़ के परंपरागत वैद्य हेमचंद मांझी को पद्मश्री देने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह आदिवासी ज्ञान की मान्यता है।
आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि अब समय आ गया है कि पारंपरिक वैद्यों के अनुभव को डिजिटल रूप से संरक्षित किया जाए। इससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिलेगा। वहीं, वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ को देश का ऑक्सीजन जोन कहा जाता है और यहां वनोपज खरीदी से आदिवासी जनता को सीधा लाभ हो रहा है। इस समारोह में कई सांसद, विधायक, अधिकारी, आयुर्वेदाचार्य और वैद्य मौजूद थे। सबने विकास मरकाम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।