रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय सड़क किनारे पंडाल लगाकर 4 दिन से धरना दे रहे हैं। ये धरना आरक्षण की मांग पर है। हालांकि उनके साथ बीजेपी का कोई बड़ा नेता नहीं दिख रहा. पंडाल में वह अकेले धरना दे रहे हैं. प्रदेश में आदिवासी समुदाय का आरक्षण 32 से 20 प्रतिशत हो चुका है। इसी का विरोध नंद कुमार साय कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों को 80 प्रतिशत तक आरक्षण मिल सकता है। प्रदेश में आदिवासी समुदाय की आबादी बड़ी है। ठीक ढंग से सर्वे हो तो यहां जनजाति समुदाय का आरक्षण और बढ़ेगा। ये आरक्षण 60 से 80 प्रतिशत तक जा सकता है। मगर सर्वे में गड़बड़ी की जाती है जानबूझकर, पीछे रखा जाता है। मुझे याद है एक गांव में सिर्फ 2 आदिवासी बताए गए थे, जबकि पूरा गांव आदिवासियों का था।
साय को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। ये अविभाजित मप्र एवं छत्तीसगढ़ से तीन बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा सांसद, तीन बार विधायक रहे हैं। वे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रथम नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।