कांकेर में केंद्रीय टीम का निरीक्षण: मावा मोदोल कोचिंग और विशेष विद्यालय की पहल को सराहा

कांकेर। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव कैरेलिन खोंगवार देशमुख बुधवार को आकांक्षी जिला कांकेर के दौरे पर पहुंचीं। उन्होंने जिले में शुरू किए गए ‘मावा मोदोल’ कोचिंग संस्थान, सेंट्रल लाइब्रेरी और श्रवण एवं दृष्टिबाधितार्थ विशेष विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की और जिला प्रशासन की पहल की सराहना की।

कैरेलिन खोंगवार देशमुख ने सर्वप्रथम सेंट्रल लाइब्रेरी कांकेर का अवलोकन किया। यहां उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से बातचीत की और कहा कि यह पहल युवाओं के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने लाइब्रेरी के विजिटर्स रजिस्टर में हस्ताक्षर कर राज्य सरकार के इस प्रयास को “प्रेरणादायक” बताया।

इसके बाद अतिरिक्त सचिव ‘मावा मोदोल’ कोचिंग संस्थान पहुंचीं, जहां सुदूर आदिवासी अंचलों के विद्यार्थियों को सीजी पीएससी, एसएससी, व्यापम और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके अध्ययन अनुभव साझा किए और कहा कि यह संस्थान ग्रामीण प्रतिभाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है।

कांकेर प्रवास के दौरान उन्होंने ग्राम कोदाभाट स्थित श्रवण एवं दृष्टिबाधितार्थ विशेष विद्यालय का भी निरीक्षण किया। यहां बच्चों ने साइन लैंग्वेज में उनका स्वागत किया और अपनी बनाई पेंटिंग्स उपहार में दीं। विद्यालय में 45 छात्र अध्ययनरत हैं, जिनमें 33 श्रवण और 12 दृष्टिबाधित बच्चे शामिल हैं। सुश्री देशमुख ने संस्थान की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने जल्द ही स्मार्ट क्लास शुरू करने की योजना पर भी सहमति जताई।

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