दिल्ली। देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो की मोनोपोली पर अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने जांच शुरू कर दी है।
आयोग यह पता लगाने में जुटा है कि क्या इंडिगो ने प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी दबदबे वाली स्थिति का दुरुपयोग किया है। इंडिगो देश में घरेलू एयरलाइंस मार्केट का लगभग 65% हिस्सेदारी रखती है और रोजाना करीब 2,200 उड़ानें संचालित करती है।
कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 के तहत किसी कंपनी को अपने दबदबे का इस्तेमाल करके मनमाना किराया वसूलने या ग्राहकों को ब्लैकमेल करने की अनुमति नहीं है। CCI यह भी देख रही है कि इंडिगो ने विशेष रूट्स पर अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल किया है या नहीं। किराया वृद्धि और सेवा संचालन में अनियमितताओं की जांच चल रही है।
इस बीच, इंडिगो ने अपनी आंतरिक जांच को अंतरराष्ट्रीय एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन जॉन इल्सन को सौंपा है। CEO पीटर एल्बर्स ने DGCA की समिति के सामने पेश होकर रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह कदम एयरलाइन के ऑपरेशनल मॉडल और प्रबंधन प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की दिशा में उठाया गया है।
DGCA ने भी इंडिगो के चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर ऋषि राज चटर्जी, सीमा झामनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही निगरानी व्यवस्था में व्यापक बदलाव लागू किया गया है। नई प्रक्रिया के तहत सभी निरीक्षण टीमें एयरपोर्ट पर सात घंटे तक रुकेंगी और 32 बिंदुओं वाली चेकलिस्ट के माध्यम से ऑपरेशनल तैयारियों का वास्तविक समय में आकलन करेंगी।
अब तकनीकी देरी, मेजर डिफेक्ट, लाइसेंसिंग कंप्लायंस, स्टाफ की उपलब्धता, ग्राउंड हैंडलिंग, सुरक्षा प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया और यात्रियों की सुविधा समेत सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच अनिवार्य होगी। DGCA का लक्ष्य है कि एयरलाइन ऑपरेशन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सके और इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन की मोनोपोली से उपभोक्ताओं को नुकसान न हो।
