रायपुर। रायपुर में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर एक नया मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 5 दिसंबर को आयोजित छत्तीसगढ़ अस्मिता बचाव रैली को लेकर की गई।
रैली के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी, जबकि प्राइवेट नागरिक गणेश जायसवाल ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि रैली के दौरान जाम की स्थिति बन गई थी और राहगीरों को काफी परेशानी हुई।
मामला आजाद थाना क्षेत्र का है। शिकायत के आधार पर जय जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के संचालक ललित बघेल, अनिल दुबे समेत कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर विवरण और वीडियो फुटेज जुटाए जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता के अनुसार, रैली अमित बघेल की देवेंद्र नगर इलाके में हेट स्पीच के आरोप में गिरफ्तारी के विरोध में निकाली गई थी। रैली में छत्तीसगढ़िया सर्व समाज संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गुरुघासीदास काम्पलेक्स, आमापारा में इकट्ठा हुए और राजभवन तक ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम निर्धारित था।
हालांकि, प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करना शुरू किया। इस दौरान सड़क जाम होने और सामान्य जनजीवन बाधित होने की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और सभी पक्षों के बयान लिए जाएंगे। इस मामले में कार्रवाई का उद्देश्य केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी फिलहाल गिरफ्तारी से बचते हुए पुलिस के साथ सहयोग करने का संकेत दे रहे हैं।
यह रैली और इसके बाद दर्ज मामला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गतिविधियों और सामाजिक संगठनों के आंदोलनों पर प्रशासन की सख्ती को उजागर करता है, और भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए अनुमति प्रक्रिया का महत्व बढ़ा देता है।
