मनीष सरवैया@महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम गोंडपाली ग्राम पंचायत जोबा कला के दो भाई बहन…जो लगातार प्रशासनिक अफसरों के दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर है…वजह भी दिलचस्प है… ‘प्रधानमंत्री आवास’…अनाथ भाई बहन घर की छत्त के लिए कभी इस दफ्तर तो कभी दूसरी दफ्तर घूम रहे हैं…पर इनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है…एक ओर राज्य सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए कई तरह के कार्य कर रही है..लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सरकार की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं…और योजनाओं की आस में लोग दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं…
अपने चैंबर में मौन धारण कर बैठ गए हैं….
दरअसल महासमुंद ब्लॉक के ग्राम पंचायत जोबा कला के आश्रित ग्राम गोंडपाली निवासी कुमारी मिथलेश निषाद और राजेंद्र निषाद के पिता की 2017 में मौत हो गई। जिसके बाद दोनों भाई बहन ही एक दूसरे का सहारा है। माता-पिता की मौत के बाद मिट्टी के मकान में रहने वाले दोनों भाई-बहन कई तकलीफों से गुजरे। इंत्तहां तो तब गई जब कच्चा मकान भी बारिश की भेंट चढ़ गया। जिसके बाद उन्होंने किराए के मकान में सहारा लिया..लेकिन मकान मालिक हर वक्त घर खाली करने को कह रहा है…
छोटे भाई के साथ सरपंच सचिव को भी कर चुकी है आवेदन
परेशान युवती अपने भाई के साथ सरपंच और सचिव को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिलवाने के लिए आवेदन कर चुकी है। पर नियम कायदे कानून बताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने असमर्थता जाहिर कर दी है। इन दोनों के लिए कोई सरकारी योजना भी नहीं है। जिसका लाभ लेकर ये अपनी जिंदगी जी सके…
जानिए मिथिलेश निषाद ने क्या कहा
मिथलेश निषाद का कहना है कि सूची में नाम आया था… लेकिन उनको आवास नहीं दिया गया.. क्योंकि की सर्वे सूची में उनका नाम नहीं है.. ग्राम पंचायत जोबा कला के सरपंच पति का कहना है कि सर्वे सूची में नाम नहीं होने की वजह से मिथलेश निषाद को आवास का लाभ नहीं मिल पाया है। सरपंच पति ने मामले की जानकारी स्थानीय विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा को भी मामले से अवगत कराया है। लेकिन अब तक इस अनाथ भाई बहनों के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा मदद के लिए सामने आए हैं ना ही जिले के कोई अधिकारी इस गरीब अनाथ भाई बहनों के लिए कुछ करने को राजी हुए हैं।