नई दिल्ली. ब्रह्मोस मिसाइल मिसफायर घटना के सिलसिले में मंगलवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के तीन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
एक ग्रुप कैप्टन और दो विंग कमांडरों की सेवाएं मंगलवार को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं।
9 मार्च, 2022 को गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी। घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने सहित मामले के तथ्यों को स्थापित करने के लिए गठित एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) से तीन से विचलन अधिकारियों ने मिसाइल की आकस्मिक गोलीबारी का नेतृत्व किया। इन तीन अधिकारियों को मुख्य रूप से घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
ब्रह्मोस मिसाइल गलती से एक एयरबेस से दागी गई और पाकिस्तान के अंदर मियां चन्नू नामक स्थान पर उतर गई। पाकिस्तान सरकार ने इस घटना पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन उससे काफी पहले भारत ने जांच शुरू कर दी थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 मार्च को कहा था कि उस घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया था जिसमें पाकिस्तानी क्षेत्र में मिसाइल का आकस्मिक प्रक्षेपण शामिल था।