लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, पुल नहीं तो वोट नहीं…जानिए क्या है पूरा मामला

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। जिले के लवाईडीह गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। इस गांव में पुल नहीं होने से ग्रामीण अपने दिनचर्या जीवन जीने के लिए असहाय महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि 7 मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार ग्रामीणों ने कर दिया है।

सरगुजा जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम लवाईडीह गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोट नही देने का मन बना लिया है। इस गांव में कई दशक गुजर गए बावजूद इसके 50 घरों के जीवन मे आज तक मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में विधायक हो या जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं कराया पाया। यही वजह है कि ग्रामीणों ने 7 मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार कर दिया हैं।

इधर 17 जुलाई 2018 को तत्कालीन लुंड्रा विधायक चिंतामणि महाराज व सरगुजा लोकसभा से भाजपा सांसद प्रत्याशी ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए जल सत्याग्रह किया था। लेकिन आज तक इन ग्रामीणों समस्या को दूर नही कर पाए। जिसको लेकर भाजपा से सांसद प्रत्याशी चिंतामणि महाराज से सवाल किया गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पहली बार विधायक बना और उसके बाद सामरी का विधायक बन गया था। उसके बाद मेरी कोई जवाबदारी नही थी कि क्या हुआ या नही हुआ। लेकिन जो बाद में विधायक बने उनकी जिम्मेदारी थी और उन्हें ध्यान देना था।

बहरहाल इस गांव में 50 घर और 150 मतदाता हैं। इन ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर राजनैतिक पार्टियां हो या जिले के जिम्मेदार अधिकारी किसी ने ध्यान नही दिया और अब चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। अब देखना होगा कि इस गांव के ग्रामीण मतदान करते हैं या किसी तरह का आश्वासन जिला प्रशासन द्वारा दिया जाएगा।

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