दिल्ली। भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में भारत की वोटर लिस्ट में शामिल किया गया, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 1983 में मिली। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि सोनिया का नाम 1980 और फिर 1983 में वोटर लिस्ट में जोड़ा गया, दोनों बार वे भारतीय नागरिक नहीं थीं।
मालवीय के अनुसार, 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के पोलिंग स्टेशन 145 में सोनिया का नाम जोड़ा गया था, जब वे इटली की नागरिक थीं। 1982 में नाम हटाने के बाद 1983 में पोलिंग स्टेशन 140 में पुनः नाम जोड़ा गया, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। इसे उन्होंने चुनावी कानून का उल्लंघन बताया।
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने रायबरेली में एक ही पते पर 47 वोटर्स रजिस्टर्ड होने और एक व्यक्ति का नाम तीन अलग बूथों पर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ा, लेकिन इन गड़बड़ियों को कभी मुद्दा नहीं बनाया। यह विवाद उस समय सामने आया है जब कांग्रेस और विपक्ष भाजपा और चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और फर्जी वोट जोड़ने के आरोप लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को 22 पेज का प्रेजेंटेशन देकर चुनावी गड़बड़ी का दावा किया था।
चुनाव आयोग ने राहुल से इन आरोपों के सबूत मांगे हैं और हलफनामा देने को कहा है। वहीं, राहुल का कहना है कि उन्होंने संसद में संविधान की शपथ ली है और चुनाव आयोग वेबसाइट बंद कर जनता के सवालों से बच रहा है। मालवीय ने यह भी पूछा कि सोनिया ने शादी के 15 साल बाद नागरिकता क्यों ली, और बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में नाम होना गंभीर चुनावी गड़बड़ी है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस हार के बाद हमेशा चुनाव आयोग पर आरोप लगाती है, आत्ममंथन नहीं करती।