रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिरनपुर हत्याकांड में CBI ने जांच पूरी कर 18 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में स्पष्ट किया गया है कि यह हत्याकांड राजनीतिक साजिश का हिस्सा नहीं था। मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता द्वारा लगाए गए कुछ आरोपों का चार्जशीट में कहीं उल्लेख नहीं है।
CBI की जांच में कई खुलासे हुए हैं। चार्जशीट में अंजोर यदु का नाम नहीं आया, जबकि विधायक ईश्वर साहू लगातार यह आरोप लगाते रहे थे कि अंजोर यदु की भूमिका से ही हत्याकांड हुआ। CBI ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना केवल दो बच्चों के बीच झगड़े से उत्पन्न विवाद का नतीजा थी।
बिरनपुर हत्याकांड 8 अप्रैल 2023 को साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में हुआ। दो बच्चों के झगड़े के बाद यह विवाद दो समुदायों में हिंसक झड़प में बदल गया। इस दौरान भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई। घटना के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने 10 अप्रैल को बंद का आह्वान किया और गांव में आगजनी भी हुई। 11 अप्रैल को दो और शव बरामद होने के बाद CBI जांच की मांग उठी थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि CBI ने जांच में स्पष्ट किया कि हत्याकांड राजनीतिक षड्यंत्र नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनावी लाभ के लिए इसे राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की भड़काऊ टिप्पणियों से स्थिति और बिगड़ी। दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी ने मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को टिकट देकर वोट बैंक राजनीति की और तुष्टिकरण का प्रयास किया।
बैज ने आगे कहा कि CBI की चार्जशीट के बावजूद बीजेपी नेताओं ने मानवीय दृष्टिकोण नहीं अपनाया। उन्होंने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से जनता से माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने की मांग की। CBI की चार्जशीट ने स्पष्ट किया कि यह हत्याकांड केवल स्थानीय विवाद का नतीजा था, न कि राजनीतिक साजिश।