बिलासपुर ट्रेन हादसा: CRS ने सस्पेंड ALP रश्मि राज से दो घंटे पूछताछ की

बिलासपुर। बिलासपुर में 4 नवंबर को हुए गेवरा-बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे के 23 दिन बाद रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त (CRS) बीके मिश्रा कोलकाता से दोबारा बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रूप से घायल सस्पेंड असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) रश्मि राज का रेलवे अस्पताल में बयान लिया। पूछताछ लगभग दो घंटे तक चली। हादसे में 12 यात्रियों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।

CRS की जांच का सिलसिला 5 नवंबर से शुरू हुआ था। पहले तीन-चार दिनों तक बीके मिश्रा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और 50 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। उस समय ALP रश्मि राज अस्पताल में भर्ती थीं, इसलिए उनका बयान नहीं लिया जा सका। अब जब वे रेलवे अस्पताल में हैं, तब CRS ने सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक उनका बयान दर्ज किया। इसके बाद मंडल ऑफिस में अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की गई।

पहली जांच में रेलवे के प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर ने भी रश्मि राज का बयान लिया था। उनके बयान के अनुसार, हादसे से ठीक पहले ट्रेन का एडवांस सिग्नल ‘सिंगल यलो’ था। स्टेशन मास्टर ने सिग्नल क्लियर होने की जानकारी दी थी। हालांकि, लोको कैब में लगे सनलाइट पर्दे के गिरने के कारण चालक ने ट्रेन की स्थिति ठीक से नहीं देखी और ट्रेन सामने खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। रेलवे ने दुर्घटना में ALP की लापरवाही के चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया था। CRS की यह पूछताछ हादसे की पूरी घटनाक्रम और जिम्मेदारियों की समीक्षा के लिए की गई।

हादसे के समय कोरबा पैसेंजर ट्रेन कोरबा से बिलासपुर जा रही थी। बिलासपुर पहुँचने के लिए सिर्फ 8 किलोमीटर बचा था। तेज रफ्तार से आने के कारण पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। CRS की अंतिम रिपोर्ट के बाद हादसे की विस्तृत निष्कर्ष सामने आने की संभावना है।

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