परमेश्वर राजपूत@गरियाबंद। भुनेश्वर नेगी हत्याकांड मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है…आरोपियों ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की साजिश रची थी…जिसका खुलासा गरियाबंद पुलिस ने किया है…मामला 18 जुलाई 2024 का है…उस दिन भुनेश्वर नेगी घर से निकला था..लेकिन उसके बाद से कभी वापस नहीं लौटा..जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने दर्ज करवाई थी… करीब एक सप्ताह बाद, 27 जुलाई को, उसका शव मुड़बाहरा के जंगल में एक महुआ के पेड़ से फांसी से लटकता मिला। शव काफी सड़ी गली अवस्था में थी…जिससे उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया..मृतक की पहचान उसके कपड़ों से हुई थी…
प्रारंभिक जांच में, पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या माना था….लेकिन गवाहों के बयान और गहन जांच के बाद मामला हत्या का निकला। गवाहों ने बताया कि 18 जुलाई की रात भुनेश्वर नेगी को बालचंद नेताम, उसके बेटे सोनसाय नेताम और महेश्वर उर्फ गोलू ने मारपीट की थी। गवाहों के अनुसार, तीनों ने पहले भुनेश्वर को आम के पेड़ के पास रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटा और फिर उसे जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी गई।