भारतमाला परियोजना घोटाला : हाईकोर्ट ने एसडीएम निर्भय साहू सहित सभी आरोपी राजस्व अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारतमाला परियोजना घोटाले के आरोपी राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। ये सभी अधिकारी ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के गंभीर प्रकरण में आरोपी हैं।

मुख्य न्यायाधीश रमेशचन्द्र सिन्हा की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। जिन अधिकारियों की याचिकाएं निरस्त की गईं, उनमें तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरन, शशिकांत कुर्रे, डी.एस. उइके, रौशन लाल वर्मा और दीपक देव शामिल हैं। साहू के अलावा अन्य सभी आरोपी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी हैं।

ईओडब्ल्यू-एसीबी ने इन पर भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में भारी गड़बड़ी के आरोप में प्रकरण दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने भूमाफियाओं से मिलीभगत कर कई गुना अधिक मुआवजा राशि दिलवाई, जिससे सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामला उजागर होने के बाद सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया गया था।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसकी जांच अभी जारी है। इसलिए आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस आधार पर न्यायालय ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

गौरतलब है कि हाल ही में ईओडब्ल्यू ने इस प्रकरण में 8 हजार से अधिक पन्नों का चालान जिला विशेष न्यायालय में पेश किया था। अदालत में सरकार की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने पक्ष रखा।

अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज होने के बाद अब ईओडब्ल्यू इन अधिकारियों की गिरफ्तारी की दिशा में आगे बढ़ सकती है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में अधिक अधिकारियों और बिचौलियों से पूछताछ की संभावना है।

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