रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनॉमिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाले की जांच रिपोर्ट केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर जांच रिपोर्ट की स्क्रूटनी की जा रही है और जांच टीम द्वारा प्राप्त शिकायतों व आवेदनों का परीक्षण भी चल रहा है।
राज्य शासन के निर्देश पर रायपुर संभाग के आयुक्त को भू-अर्जन मुआवजा प्रकरणों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। संभागायुक्त ने इस परियोजना के तहत नए सिरे से दावा-आपत्तियां व शिकायतें मंगाईं। उन्हें डेढ़ सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी जांच के लिए चार अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। तीन टीमों ने अपनी रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंप दी है, जबकि एक टीम की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालय को मांगी गई जानकारी और जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। साथ ही, नए प्रकरणों की जांच जारी है और मुआवजा वितरण से संबंधित शिकायतों का परीक्षण किया जा रहा है। अधिकांश किसानों ने दावा किया कि उन्हें अर्जित भूमि का कम मुआवजा मिला। प्रभावित किसान संभागायुक्त के न्यायालय में आवेदन कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, इस घोटाले में एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का मुआवजा बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर जमीन के टुकड़े करके निकाला। इस घोटाले से शासन को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ है। जांच टीमों की रिपोर्ट और शिकायतों की स्क्रूटनी के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी, ताकि जिम्मेदार अधिकारियों व भू-माफियाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।