जगदलपुर। देश में नक्सल प्रभावित राज्यों के 48 जिलों को LWE (लेफ्ट विंग एक्सट्रेमिज्म) ने 2025 की ताजा सूची में 4 कैटेगरी में बांटा है। इसमें छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 4 जिले बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और कांकेर अति नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
इससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर संभाग अब भी नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हुआ है। हालांकि बस्तर जिला अब अति नक्सल प्रभावित श्रेणी से हटकर ‘लिगेसी एंड थ्रस्ट’ कैटेगरी में आ गया है, जो नक्सल और सामान्य स्थिति के बीच का क्षेत्र माना जाता है। इसके साथ कोंडागांव भी इसी चौथी कैटेगरी में शामिल किया गया है।
तीन जिले सामान्य, लेकिन सतर्कता जरूरी
छत्तीसगढ़ के अन्य जिले जैसे धमतरी, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और राजनांदगांव भी नक्सल प्रभावित माने गए हैं, हालांकि यहां घटनाएं कम हुई हैं। LWE की अगली रिपोर्ट में यदि ये जिले किसी भी कैटेगरी में नहीं आते, तभी इन्हें पूर्णतः नक्सल मुक्त कहा जा सकेगा।
18 जिलों में नक्सली सक्रिय, 28 में सतर्कता की जरूरत
देशभर के 48 जिलों में से 18 जिलों में नक्सली अब भी सक्रिय हैं। वहीं 28 जिलों में भविष्य की आशंका को देखते हुए सतर्कता जरूरी बताई गई है। हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा पहाड़ी में एक ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने चोटी पर तिरंगा फहराकर नक्सलियों को चुनौती दी थी। इस बीच बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर दावा किया कि बस्तर जिला नक्सल मुक्त हो गया है, जो LWE की रिपोर्ट से मेल नहीं खाता।