बस्तर दशहरा को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: सीएम साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से इसकी व्यापक तैयारियों के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला यह अनूठा पर्व बस्तर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, और इसे वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने यह बात ‘विकसित बस्तर की ओर’ परिचर्चा के दौरान कही, जिसमें बस्तर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय परंपराएं और सांस्कृतिक विविधता इसे पर्यटन के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती हैं।

पर्यटन विकास की मुख्य घोषणाएं

पर्यटन को बढ़ावा देने टूर और रोड शो का होगा आयोजन

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए FAM टूर और रोड शो का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, ट्रैवल ट्रेड फेयर (TTF) के जरिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। प्रमुख शहरों के हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर पर्यटन सूचना केंद्र (TIC) स्थापित किए जाएंगे। पर्यटकों को बस्तर की जनजातीय संस्कृति, पारंपरिक त्योहारों, स्थानीय शिल्प, और व्यंजनों से रूबरू कराया जाएगा। इको-टूरिज्म, जनजातीय पर्यटन और आध्यात्मिक स्थलों का समन्वय करते हुए बस्तर को एक अनोखे अनुभवात्मक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा।

नए पर्यटन प्रोजेक्ट्स की घोषणा

गाइड और टैक्सी चालको को दिया जाएगा भाषाओं का ज्ञान

पर्यटन गाइडों और टैक्सी चालकों को स्थानीय स्थल ज्ञान, सॉफ्ट स्किल्स, और अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। टूरिज्म सूचना केंद्रों के कर्मचारियों के लिए ग्राहक सेवा पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2025 के माध्यम से राज्य को वैश्विक सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे पर्यटन मॉडल की ओर अग्रसर हैं, जो सतत विकास, स्थानीय रोजगार, और संस्कृति संरक्षण को प्राथमिकता देगा।” इस बैठक में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायकगण, पर्यटन सचिव, जिला कलेक्टरगण, और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े अनेक विशेषज्ञ मौजूद थे। बस्तर अब वैश्विक मानचित्र पर एक सांस्कृतिक और प्राकृतिक गहना बनकर उभरेगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बस्तर की पहचान अब सीमाओं को पार करने की ओर अग्रसर है।

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