शिव जायसवाल@बालोद। (Balod) राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना इन दिनों गोपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार की इस योजना से कई गरीब तबके के लोगो की आर्थिक स्थिति सुधर रही है तो वहीं कइयों को रोजगार भी मिल रहा है। जिसका ताज़ा उदाहरण बालोद जिले के बरही गांव में देखा जा सकता है। जहां के एक गोपालक ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत होने के बाद गाय के गोबर बेचकर अब तक 1 लाख 40 हज़ार रुपये कमा चुके हैं।
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गोधन न्याय योजना से सुधरी गोपालकों की आर्थिक स्थिति
(Balod) जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई तब से लेकर सरकार का पायलट प्रोजेक्ट रहा है नरवा, गरवा, घुरूवा, बारी। एक ओर जहां इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत गोधन न्याय योजना से गोपालकों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है तो वहीं अब सड़कों पर आवारा मवेशियों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इधर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर महिला समूह को भी रोजगार मिल रहा है।
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गोधन न्याय योजना से खरीदी 40 गायें
(Balod) बालोद जिले के बरही गांव का नरेन्द्र सिन्हा को गाय पालने का बहुत शौक था और अपने इसी शौक को साकार करते हुए सबसे पहले उन्होंने अपने खेत में गायों के रहने के लिए स्थान बनाया और थोड़ी मात्रा में गाय लाकर पालन करना शुरू किया। इधर उन्हें गाय से मिलने वाले दूध को बेचकर आय की प्राप्ति हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की गोधन या योजना के तहत गोबर बेचकर भी कुछ पैसे मिल रहे हैं। गोबर बेचकर कमाए 1 लाख 40 हज़ार रुपए उन्होंने दो और गाय खरीदा अब उनके पास लगभग 40 गाय मौजूद है।
खुद उगाते है गाय के लिए चारा
आपको बता दें कि वह अपने खेत में गाय के लिए चारा उगाता है और वही से ही गाय के चारे का प्रबंध होता है। वहीं गायों के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट भी बनाता है। गोपालक नरेंद्र सिन्हा ने बताया कि वह इस कार्य मे चार मज़दूरों को उनके परिवार के साथ अपने साथ रखे हैं। जिनके रहने का बंदोबस्त भी नरेंद्र ने किया है। नरेंद्र के साथ रहकर चारों मज़दूरों के परिवार का गुजारा हो रहा है।