डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ में शनिवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब वार्ड नंबर 22 में दो संदिग्ध युवकों ने 10 साल के बच्चे को अगवा करने की कोशिश की। लेकिन बच्चे की सूझबूझ और हिम्मत ने बड़ी वारदात को टाल दिया। बच्चे की बहादुरी की अब पूरे शहर में चर्चा हो रही है।
वार्ड नंबर 22 निवासी मनीष लहरे रोज की तरह अपने घर के बाहर खेल रहा था। तभी दो अजनबी युवक, जो काले और सफेद कपड़ों में थे, हाथ में चादर लेकर पहुंचे। उन्होंने भीख मांगने का बहाना किया और अचानक बच्चे को पकड़कर भागने लगे। मनीष ने पूरी ताकत से खुद को छुड़ाया और घर की ओर भागकर परिजनों को घटना की जानकारी दी।
बच्चे की आपबीती सुनते ही मोहल्ले के लोग एकजुट हो गए और संदिग्ध युवकों की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे बाद दोनों युवक चौथना गांव के आगे जंगल की ओर भागते मिले। ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया और जमकर पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
दोनों आरोपी महाराष्ट्र के सालेकसा क्षेत्र के निवासी निकले। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वे किसी गिरोह से जुड़े हैं या किसी खास मकसद से डोंगरगढ़ पहुंचे थे।
घटना के बाद शहर में दहशत और आक्रोश दोनों है। लोग अब बच्चों को अकेले घर से बाहर नहीं भेज रहे हैं और आसपास की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है। मनीष की बहादुरी ने पूरे शहर को गर्व से भर दिया है।